फरà¥à¤¶ से अरà¥à¤¶ तक का सफ़र: मेरी करà¥à¤® यातà¥à¤°à¤¾
सृजनातà¥à¤®à¤• सोच समाधान के दस दà¥à¤µà¤¾à¤° खोल देती है I
सरà¥à¤µà¤¦à¤¾ वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में रहो I
काल , पातà¥à¤°Â और निमितà¥à¤¤ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° आचरण करना ही बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿à¤®à¤¤à¥à¤¤à¤¾ है I
सà¥à¤µà¤¯à¤‚ को जानो (know thyself)
à¤à¤• शिकà¥à¤·à¤¿à¤•à¤¾ के रूप में बचà¥à¤šà¥‹ से मातृतà¥à¤µ à¤à¤¾à¤µ से जà¥à¥œà¥‹ I
वैसे तो ये सà¤à¥€  पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤• विचार हैं ,  लेकिन मॉडरà¥à¤¨ सà¥à¤•à¥‚ल में विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ पà¥à¤°à¤¬à¤‚धक माननीय शà¥à¤°à¥€ राकेश कपूर जी के नेतृतà¥à¤µ में ये पà¥à¤¨à¥€à¤¤  विचार करà¥à¤® के रूप में  पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨Â कारà¥à¤¯à¤¾à¤¨à¥à¤µà¤¿à¤¤ होता है I
“à¤à¤¯ बà¥à¤§à¤¿à¤®à¤¤à¥à¤¤à¤¾ को कà¥à¤·à¥€à¤£ करता है , जहाठआतà¥à¤®à¥€à¤¯à¤¤à¤¾ और सà¥à¤¨à¥‡à¤¹ का वातावरण होता है वहां à¤à¤¯ नहीं होता I “  महान विचारक शà¥à¤°à¥€ जे .कृषà¥à¤£à¤®à¥‚रà¥à¤¤à¤¿ के इस सिदà¥à¤§à¤¾à¤¨à¥à¤¤ पर आधारित मॉडरà¥à¤¨ सà¥à¤•à¥‚ल  तनाव रहित परिवेश में बचà¥à¤šà¥‹ के सरà¥à¤µà¤¾à¤‚गीण विकास सेतॠकटिबदà¥à¤§ है I विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ की शिकà¥à¤·à¤¾ पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤²à¥€ के ये चार मजबूत सà¥à¤¤à¤‚ठहैं-
- à¤à¤¯ रहित अनà¥à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ आतà¥à¤®à¤¾à¤¨à¥à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨
- बिना रटे सीखना अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ अनà¥à¤à¤µ से अंतरà¥à¤¦à¥ƒà¤·à¥à¤Ÿà¤¿ का विकास
- तनाव रहित उतà¥à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤Ÿà¤¤à¤¾  अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ ,धारणा  व समाधि से उतà¥à¤¤à¤®à¤¤à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करना
- पूरà¥à¤µà¤¾à¤—à¥à¤°à¤¹ रहित योग अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ मैतà¥à¤°à¥€ ,करà¥à¤£à¤¾ व मà¥à¤¦à¤¿à¤¤à¤¾ के à¤à¤¾à¤µ से जà¥à¥œà¤¨à¤¾
ये हमारे लिठवेद वाकà¥à¤¯ की à¤à¤¾à¤¤à¤¿à¤‚ है ,जिसे धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ में रखकर कपूर सर और  आदरणीया मीना काने जी के नेतृतà¥à¤µ हम बचà¥à¤šà¥‹ के संजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• (cognitive) तथा à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• (affective) विकास हेतॠसदà¥à¤ªà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ कर रहे हैं I
जी हाà¤, उपरà¥à¤¯à¥à¤•à¥à¤¤ कथन मैंने विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के पतà¥à¤°à¤• से नहीं लिया ,अपितॠअपने बारह वरà¥à¤· के अनà¥à¤à¤µ के आधार पर सà¥à¤µà¤¤à¤ƒ जाना है  I अपनी करà¥à¤®à¤¸à¥à¤¥à¤²à¥€ के रूप में मà¥à¤à¥‡ विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ से जà¥à¥œà¤¨à¥‡ का सौà¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ मिला  और यहाठके सकारातà¥à¤®à¤• परिवेश में अपने बारह वरà¥à¤· के सफ़र में मैंने बहà¥à¤¤ कà¥à¤› सीखा और उसे अपने जीवन में पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— किया I अपनी यातà¥à¤°à¤¾ के कà¥à¤› यादगार पड़ाव मै साà¤à¤à¤¾ करना चाहती हूठI वैसे तो हमारी यातà¥à¤°à¤¾ गंतवà¥à¤¯ तक पहà¥à¤à¤š कर पूरà¥à¤£ हो जाती है ,लेकिन करà¥à¤® पथ की यातà¥à¤°à¤¾ अनवरत चली रहती है ,जिसमे सà¥à¤– –दà¥à¤ƒà¤– , आशा –निराशा हर पड़ाव मिलते है I हम नठ–नठअनà¥à¤à¤µ के साथ मजबूत होकर आगे बà¥à¤¤à¥‡ है ,आज à¤à¥€ मà¥à¤à¥‡ याद है –जब मै साकà¥à¤·à¤¾à¤¤à¥à¤•à¤¾à¤° हेतॠकपूर सर से मà¥à¤–ातिब हà¥à¤ˆ –मेरे सामने पहला सवाल आया –à¤à¤• शिकà¥à¤·à¤¿à¤•à¤¾ के रूप में आप पà¥à¤¾à¤¨à¤¾ चाहती है या सिखाना I साहितà¥à¤¯ की विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ थी अतः शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ की गंà¤à¥€à¤°à¤¤à¤¾ समà¤à¤¤à¥€ थी , मैंने à¤à¤Ÿ से बोला –सिखाना
दूसरा सवाल –कà¥à¤¯à¤¾ आप सीखने हेतॠतैयार है ? सवाल सà¥à¤¨à¤•à¤° ही मेरा पी.à¤à¤šà¥. डी. का अहंकार नषà¥à¤Ÿ हो गया और मै समठगयी कि- “फ़रà¥à¤¶ पर रहकर ही हम अरà¥à¤¶ तक का सफ़र तय कर सकते है “ हमारी डिगà¥à¤°à¥€Â है तो कà¥à¤¯à¤¾ हà¥à¤† हमे अपने जà¥à¤žà¤¾à¤¨ को हमेशा निखारना चाहिठ,अतः हमे सीखते रहना चाहिठI
जब मà¥à¤à¤®à¥‡ कà¥à¤› नया सीखने की अà¤à¤¿à¤°à¥‚चि जागृत हà¥à¤ˆ – विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ का पहला दिन २९  मारà¥à¤š २००९ –जब हिनà¥à¤¦à¥€ अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¿à¤•à¤¾ के रूप में मेरी नियà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ हà¥à¤ˆ i अपने विषय जà¥à¤žà¤¾à¤¨ में मà¥à¤à¥‡ महारथ हासिल है – इसका आतà¥à¤® जà¥à¤žà¤¾à¤¨ तो था ,लेकिन अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ में वाकà¥à¤ªà¤Ÿà¥à¤¤à¤¾ नहीं है इस कटॠसतà¥à¤¯ को à¤à¥€ जानती थी I मà¥à¤à¥‡ पूरà¥à¤µà¤¾à¤—à¥à¤°à¤¹ था कि मै नयी à¤à¤¾à¤·à¤¾ नहीं सीख पाऊà¤à¤—ी लेकिन कपूर सर ने मà¥à¤à¥‡ उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤¿à¤¤ किया ये कहकर कि- हर दिन नया दिन होता है ,आप नयी à¤à¤¾à¤·à¤¾ सीखिठऔर आगे बढिठI मà¥à¤à¥‡ समाधान à¤à¥€ मिला और समय à¤à¥€ I इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° मै अपने पूरà¥à¤µà¤¾à¤—à¥à¤°à¤¹ से बाहर निकली और सीखने हेतॠततà¥à¤ªà¤° हà¥à¤ˆ I
फिर कà¥à¤¯à¤¾ था,उस दिन से सीखने का सिलसिला शà¥à¤°à¥‚ हà¥à¤† – मीना मैंम का लेसन पà¥à¤²à¤¾à¤¨à¤¿à¤‚ग सेशन ,कà¥à¤²à¤¾à¤¸   मैनजमेंट, इवेंट मैनेजमेंट, राकेश कपूर सर का माइंडफà¥à¤²à¤¨à¥‡à¤¸ सेशन ,चाइलà¥à¤¡ काउंसिलिंग,रोल ऑफ़ टीचर , बà¥à¤²à¥‚म टेकà¥à¤¸à¤¾à¤¨à¥‹à¤®à¥€, à¤à¤²à¥à¤®à¤¾ मेटर, लीडरशिप सà¥à¤•à¤¿à¤²à¥à¤¸ –मैंने सà¤à¥€ पà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤£ को गंà¤à¥€à¤°à¤¤à¤¾ से लिया और आगे बढती रही I
जब मà¥à¤à¥‡ सृजनशीलता का अवसर मिला और मेरा आतà¥à¤®à¤µà¤¿à¤¶à¥à¤µà¤¾à¤¸ बà¥à¤¾-  कà¥à¤› नया करने की ललक तो थी मà¥à¤à¤®à¥‡ पर अपने संकोची सà¥à¤µà¤à¤¾à¤µ तथा आतà¥à¤®à¤µà¤¿à¤¶à¥à¤µà¤¾à¤¸ की कमी के कारण मै अकà¥à¤¸à¤° आगे नहीं आती थी ,लेकिन विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ का सकारातà¥à¤®à¤• परिवेश और मैनेजमेंट दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ संचालित टीचरà¥à¤¸ टà¥à¤°à¥‡à¤¨à¤¿à¤‚ग पà¥à¤°à¥‹à¤—à¥à¤°à¤¾à¤® में सहà¤à¤¾à¤—िता के करते हà¥à¤ मेरा आतà¥à¤®à¤µà¤¿à¤¶à¥à¤µà¤¾à¤¸ मजबूत हà¥à¤† I दिसमà¥à¤¬à¤° २०१० की बात है ,जब cognito की तिथि निरà¥à¤§à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ हà¥à¤ˆ –उस वरà¥à¤· à¤à¤• नया पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— था कि केवल विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ ही नहीं अपितॠहर विषय में बचà¥à¤šà¥‹ को अपनी पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤à¤¾ दिखाने का अवसर दिया जाय , ताकि पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• बचà¥à¤šà¥‡ की सहà¤à¤¾à¤—िता हो I हमारी पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ à¤à¤¾à¤·à¤¾ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ के महतà¥à¤µ को उजागर करने का उतà¥à¤¤à¤°à¤¦à¤¾à¤¯à¤¿à¤¤à¥à¤µ मà¥à¤à¥‡ मिला I अपने सीनियरà¥à¤¸ के सहयोग से मैंने बचà¥à¤šà¥‹ के साथ मिलकर “गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤² परियोजना†पर कारà¥à¤¯ किया और बचà¥à¤šà¥‹ में संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ à¤à¤¾à¤·à¤¾ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹ जागृत किया I “गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤²â€ और “संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ वीथिका “सफल परियोजना थी i उस समय मै विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ में à¤à¤• नई अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¿à¤•à¤¾ थी लेकिन मà¥à¤à¥‡ à¤à¤¸à¤¾ अवसर और विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ का मंच पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ किया गया जिससे मै उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤¿à¤¤ हà¥à¤ˆ और मेरा आतà¥à¤®à¤µà¤¿à¤¶à¥à¤µà¤¾à¤¸ बà¥à¤¾ I
माइंडफà¥à¤²à¤¨à¥‡à¤¸ से वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤—त जीवन में सहजता आई – कहते है कि- “जैसा संग वैसा रंग “ यह सच है I राकेश कपूर सर हम सबसे à¤à¤• डायरेकà¥à¤Ÿà¤° की तरह नहीं अपितॠà¤à¤• सदà¥à¤—à¥à¤°à¥ की à¤à¤¾à¤¤à¤¿ जà¥à¥œà¥‡ है I जीवन में मधà¥à¤°à¤¤à¤¾Â है तो कटà¥à¤¤à¤¾ à¤à¥€ है ,आशा है तो निराशा à¤à¥€ है लेकिनं यदि हम हर पल में सचेतन रहे ,पूरà¥à¤µà¤¾à¤—à¥à¤°à¤¹ से बाहर निकलकर सोचे तो वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤•à¤¤à¤¾ से जà¥à¥œ सकते है I मेरे साथ कà¥à¤› पारिवारिक समसà¥à¤¯à¤¾à¤ थी ,जिससे मै असहज और तनावगà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤Â हो जाती थी , मै अतीत को सोचकर सà¥à¤µà¤¯à¤‚ को दà¥à¤–ी करती थी ,लेकिन अब माइंड फà¥à¤² होकर वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में रहना सीखा I सà¥à¤µà¤® à¤à¥€ सहज बनी और अपने  से जà¥à¥œà¥‡ अनà¥à¤¯ को à¤à¥€ सहज बनाने का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ करती हूठ I
जब मातृतà¥à¤µ सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ की अनà¥à¤à¥‚ति हà¥à¤ˆ – School is the second home and teacher is the ALMA MATER (second mother) यह वाकà¥à¤¯ अकà¥à¤·à¤°à¤¶à¤ƒ सतà¥à¤¯ है i विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ न केवल बचà¥à¤šà¥‹ के साथ अपितॠबलà¥à¤•à¤¿ हमे à¤à¥€ मातृतà¥à¤µ सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करता है i à¤à¤• मानक वेतन पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤Â करके हमे वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में  आरà¥à¤¥à¤¿à¤• सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ तो मिलती ही है ,साथ ही पेंशन योजना ,हेलà¥à¤¥ पालिसी ,करà¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¥€ à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ निधि इन योजनाओं से हमारा à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ à¤à¥€ सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ है I सà¤à¥€ करà¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¥€ इन सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾à¤“ं से लाà¤à¤¾à¤¨à¥à¤µà¤¿à¤¤ हो रहे हैं I  इतना ही नहीं निजी विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ होने के वावजूद à¤à¥€  मैनेजमेंट की तरफ से हमारा सेवा काल सà¥à¤¥à¤¾à¤ˆ है I
मेरी यातà¥à¤°à¤¾ के इस पड़ाव को à¤à¤²à¤¾ मै कैसे à¤à¥‚ल सकती हूठ, जब कठिन परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ मेरे साथ था I विगत पांच वरà¥à¤· से मै सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯à¤—त समसà¥à¤¯à¤¾ से पीड़ित थी –लेकिन मेरी कृतजà¥à¤žà¤¤à¤¾ कम पड़ जाà¤à¤—ी राकेश कपूर सर जी के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने न केवल नैतिक समरà¥à¤¥à¤¨ दिया ,बलà¥à¤•à¤¿ हेलà¥à¤¥ पालिसी से आरà¥à¤¥à¤¿à¤• सहयोग à¤à¥€ किया और मेरी सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯à¤—त समसà¥à¤¯à¤¾ का निदान हà¥à¤† I
कोविड की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤•à¥‚ल परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के  सारà¥à¤¥à¤• पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ से  हम ऊरà¥à¤œà¤¾à¤µà¤¾à¤¨ बने –
यह वरà¥à¤· सà¤à¥€ के लिठचà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¥€ à¤à¤°à¤¾ था ,लेकिन à¤à¤¸à¥‡ समय में à¤à¥€ मॉडरà¥à¤¨ सà¥à¤•à¥‚ल ने अपनी सृजनातà¥à¤®à¤• सोच से बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को उतà¥à¤¤à¤® शिकà¥à¤·à¤¾ से जोड़े रखने का कारà¥à¤¯ किया I मारà¥à¤š के अंतिम सपà¥à¤¤à¤¾à¤¹ से ही ऑनलाइन ककà¥à¤·à¤¾à¤ शà¥à¤°à¥‚ कर दी गयी I इतना ही नहीं शिकà¥à¤·à¤• सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ रहे –इसका à¤à¥€ धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ पà¥à¤°à¤¬à¤‚धन ने रखा I रोग –पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤°à¥‹à¤§à¤• काà¥à¤¾ , शारीरिक योग ,पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤¾à¤¯à¤¾à¤® इन पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¥€ कारको को  हमारी रोजमरà¥à¤°à¤¾ की जीवन –शैली में शामिल किया गया और सौà¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ से हम सà¤à¥€ सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ रहे I इसके साथ ही सà¤à¥€ करà¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¥‹ को मानक वेतन मिला ,जिससे पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤•à¥‚ल समय में  हमारे साथ हमारे परिवार की à¤à¥€ सकारातà¥à¤®à¤• ऊरà¥à¤œà¤¾ कायम रही I
२१ वी सदी के कà¥à¤°à¤¾à¤‚तिकारी यà¥à¤— में आतà¥à¤®à¤¬à¤² के साथ –साथ ,परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹ से सामंजसà¥à¤¯ बनाने के कौशल की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ है I बचà¥à¤šà¥‡ हर कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में सà¥à¤µà¤¯à¤‚ को मजबूती से सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ कर सकें- इस हेतॠ मॉडरà¥à¤¨ सà¥à¤•à¥‚ल कृत- संकलà¥à¤ª है I शिकà¥à¤·à¤¾ की अंधी दौड़ में शामिल न होकर मॉडरà¥à¤¨ सà¥à¤•à¥‚ल अपने अदà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥€à¤¯Â पाठà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® तथा अंतराषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ शिकà¥à¤·à¤¾ पदà¥à¤§à¤¤à¤¿ से बचà¥à¤šà¥‹ को लाà¤à¤¾à¤¨à¥à¤µà¤¿à¤¤ कर रहा है I
अपनी बारह वरà¥à¤· की यातà¥à¤°à¤¾ में विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ से जà¥à¤¡à¤•à¤° मैंने बहà¥à¤¤ कà¥à¤› सीखा और वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤• जीवन में पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— किया I अंत में ये अवशà¥à¤¯ कहना चाहूंगी कि- माननीय राकेश कपूर जी के पà¥à¤°à¥‹à¤¤à¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤¨ और पà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤£ से ही  शिकà¥à¤·à¤£ कारà¥à¤¯ से नेतृतà¥à¤µ तक का सफ़र संà¤à¤µ हà¥à¤† और à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ में à¤à¥€ जारी रहेगा I जहाà¤Â शिकà¥à¤·à¤¾ को वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¤¾à¤¯ नहीं बलà¥à¤•à¤¿Â à¤à¤• पवितà¥à¤° अà¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨ समà¤à¤¾ जाता है à¤à¤¸à¥€ करà¥à¤®à¤¸à¥à¤¥à¤²à¥€ से जà¥à¥œà¤¨à¥‡ का अवसर मिला ,ये हमारे लिठगौरव  की बात है I
डॉ. सरोज राय